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आबादी के अनुपात में मुसलमानों के भागीदारी



कानपुर। मुस्लिम डेमोक्रेटिक फ्रंट के तत्वाधान में आबादी के अनुपात में मुसलमानों के भागीदारी को लेकर एक बैठक एम०ए० सोलंकी मेमोरियल प्राइमरी स्कूल, दलेल पुरवा चौराहा के निकट अध्यक्ष शाकिर अली उस्मानी के नेतृत्व में सम्पन्न हुई। बैठक में मुस्लिम डेमोक्रेटिक फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाकिर अली उस्मानी ने कहा संविधान में अनुसूचित जाति को 22.5 प्रतिशत आरक्षण एवं पिछड़ी जातियों को 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान मौजूद है। देश में सामान्य जाति को 50.5 प्रतिशत भागीदारी/आरक्षण का प्रावधान है। परन्तु अल्पसंख्यक समाज का सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम समाज की है। परन्तु संविधान में उसकी कहीं भी भागीदारी सुनिश्चित नहीं की गई है। 1984 में बहुजन नायक एवं बी०एस०पी० के संस्थापक अध्यक्ष मान्यवर कांशीराम ने नारा दिया था जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी, लेकिन 1980 से लेकर 2017 तक बहन मायावती, मा० मुलायम सिंह यादव, मा० अखिलेश यादव की उ०प्र० में सरकार रही परन्तु मान्यवर 'काशीराम के नारे को किसी ने भी अमली जामा नहीं पहनाया। जिसका परिणाम रहा कि वर्ष 2014 में केन्द्र में एवं 2017 में उ0प्र0 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई । कांग्रेस, सपा, बसपा व जनता दल में अपने शासन काल में जिन नेताओं पर विश्वास करके उन्हें मंत्री बनाया। वे लोग आज भाजपा में शामिल होकर उनकी ताकत को बढ़ा रहे हैं और अपनी सुरक्षा एवं अपने काले धन की सुरक्षा कर रहे हैं। 


केन्द्र में भाजपा की सरकार में 2019 एवं 2024 में किसी भी मुस्लिम समाज के व्यक्ति को न मंत्री बनाया गया और न ही किसी आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। यह चिन्ता का विषय है। 20 प्रतिशत आबादी केन्द्र में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। मुसलमानों के राजनैतिक/प्रशासनिक भागीदारी के सवाल पर विस्तार से चर्चा हुई और सभी राजनैतिक दलों से मांग की गई कि मुसलमानों को भागीदारी दिये बगैर मुस्लिम समाज की जो दशा है, उसे सुधारा नहीं जा सकता है ! बैठक की अध्यक्षता सय्यद तौफीक अहमद साजिद सर एवं संचालन इस्लाम खा आजाद बैठक में प्रमुख रूप से डॉ हीरालाल हाजी कौसर सोलंकी प्रदीप यादव जावेद जमील उस्मानी मुबाशिर सागर सलमान आदि लोग मौजूद रहे!



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