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कैंसर और लिवर ट्रांसप्लांट पर संयुक्त वैज्ञानिक कार्यक्रम आयोजित

कानपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कानपुर शाखा और वेंकटेश्वर अस्पताल, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को एक वैज्ञानिक सीएमई (Continuous Medical Education) का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आईएमए भवन (सेवा का मंदिर), 37/7, परेड, कानपुर के ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ।

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🧠 कैंसर के खिलाफ लड़ाई में जनरल फिजीशियन की भूमिका पर व्याख्यान --

कार्यक्रम के प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता थे डॉ. दिनेश चंद्र कटियार, निदेशक – सर्जिकल ऑन्कोलॉजी एवं रोबोटिक सर्जरी, वेंकटेश्वर अस्पताल, दिल्ली। उन्होंने "कैंसर के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सकों की भूमिका" विषय पर व्याख्यान दिया।डॉ. कटियार ने कहा कि भारत में कैंसर अब कोई दुर्लभ रोग नहीं रहा, बल्कि यह हमारे समाज का यथार्थ बन चुका है। ऐसे में जनरल फिजीशियन (सामान्य चिकित्सक) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। वे न केवल रोग की प्रारंभिक पहचान में मदद करते हैं, बल्कि समय पर विशेषज्ञ के पास रेफर करके जीवन भी बचाते हैं।

🚨 कैंसर के प्रारंभिक लक्षण – जिन्हें न करें नजरअंदाज़:

1. अस्पष्ट रूप से वजन घटना

2. गांठ या सूजन का अनुभव

3. न भरने वाला घाव

4. आवाज में बदलाव या लगातार खांसी

5. निगलने में कठिनाई / अपच

6. मल, मूत्र या थूक में रक्त

7. महिलाओं में असामान्य रक्तस्राव

नोट:-  यदि कोई लक्षण 2 सप्ताह से अधिक समय तक रहे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

❓ कैंसर पहचान में देरी के कारण:

जानकारी का अभाव

सामाजिक भय या कलंक

आर्थिक संसाधनों की कमी

झोलाछाप उपचार का प्रचलन

🩺 नागरिकों को सुझाव:

वार्षिक हेल्थ चेकअप कराएं

नियमित कैंसर स्क्रीनिंग करवाएं

तंबाकू, गुटखा, शराब से दूर रहें

संतुलित आहार और व्यायाम करें

किसी भी लक्षण को हल्के में न लें

🩻 जनरल फिजीशियन की अहम ज़िम्मेदारियाँ:

प्रारंभिक स्क्रीनिंग व पहचान

विशेषज्ञ को समय पर रेफरल

मरीज को मानसिक संबल

जन-जागरूकता फैलाना

रोकथाम के उपाय सुझाना

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🧬 वयस्क जिगर प्रत्यारोपण का अवलोकन विषय पर दूसरा सत्र

द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता रहे डॉ. (ग्रुप कैप्टन) सुमेश कैस्था, निदेशक - लिवर ट्रांसप्लांट, वेंकटेश्वर अस्पताल, नई दिल्ली।उन्होंने "वयस्क लीवर ट्रांसप्लांट" पर व्याख्यान देते हुए बताया कि लिवर शरीर का ऐसा अंग है जो स्वयं को पुनः विकसित कर सकता है। लिवर ट्रांसप्लांट आज सफल, सुरक्षित और जीवनरक्षक प्रक्रिया बन चुकी है।

🧫 लिवर फेलियर के प्रमुख कारण:- 

1. हेपेटाइटिस बी / सी

2. शराब जन्य क्षति (ALD)

3. फैटी लिवर डिज़ीज (NAFLD)

4. आनुवंशिक या जन्मजात रोग

5. दवाओं या टॉक्सिन्स का दुष्प्रभाव

⚕️ प्रत्यारोपण की सफलता के लिए:

समय पर पहचान

नियमित जांच

दवाओं का सही पालन

तनाव से बचाव

संतुलित दिनचर्या

 डॉ. सुमेश ने अपील की कि लिवर रोग के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। समय पर जांच कराएं और ऑर्गन डोनेशन को बढ़ावा दें।

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🧑‍⚕️ सत्रों के चेयरपर्सन एवं विशिष्ट अतिथि

प्रथम सत्र चेयरपर्सन:

प्रो. (डॉ.) एम. पी. मिश्रा, पूर्व निदेशक, जे.के. कैंसर संस्थान

डॉ. प्रदीप त्रिपाठी, प्रबंध निदेशक, रतनदीप हॉस्पिटल

द्वितीय सत्र चेयरपर्सन:

डॉ. साई राम, कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, KMC

ौडॉ. अजीत कुमार रावत, कंसल्टेंट, प्रथा हॉस्पिटल

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🎤 कार्यक्रम संचालन और धन्यवाद ज्ञापन

अध्यक्षता: डॉ. नंदिनी रस्तोगी, अध्यक्ष, IMA कानपुर

संचालन: डॉ. गणेश शंकर, वैज्ञानिक सचिव, IMA कानपुर

धन्यवाद ज्ञापन: डॉ. विकास मिश्रा, सचिव, IMA कानपुर

विशेष उपस्थिति में:

डॉ. ए.सी. अग्रवाल, चेयरमैन, वैज्ञानिक उपसमिति

डॉ. कुणाल सहाय, उपाध्यक्ष

डॉ. कीर्ति वर्धन सिंह, संयुक्त वैज्ञानिक सचिव

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🧾 निष्कर्ष:

"कैंसर और लीवर रोगों की पहचान में जनरल फिजीशियन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। समय पर जांच, जागरूकता और सतर्कता ही जीवन रक्षा की कुंजी है।"

IMA कानपुर का यह संयुक्त कार्यक्रम न केवल चिकित्सकों बल्कि आमजन को भी स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की प्रेरणा दी।

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