कानपुर।संत रविदास जयंती समारोह की समिति डॉ अंबेडकर नगर, विजय नगर, शास्त्री नगर के तत्वावधान में डॉक्टर अंबेडकर स्मारक स्थल एवं पार्क डॉ अंबेडकर नगर, विजय नगर में एक अति आवश्यक संगठनात्मक- सामाजिक बैठक का आयोजन श्री आर के भास्कर जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से समिति के तत्वावधान में विगत वर्षों की भांति परंपरागत रूप से वर्ष 2025 में संत शिरोमणि गुरु रविदास जयंती के शुभ अवसर पर भव्य विशाल शोभायात्रा की तैयारी एवं संत रविदास स्मृति महोत्सव के अंतर्गत मार्च माह में प्रस्तावित विभिन्न सामाजिक- सांस्कृतिक कार्यक्रमों को को भव्य और दिव्य रूप में आम जनमानस की सहभागिता के साथ मनाए जाने पर विस्तार से परिचर्चा की गई।
समिति के अध्यक्ष राधेश्याम भारतीय ने उपस्थित साथियों को अवगत कराया की विगत वर्षों की तरह दुनिया को इंसानियत और मानवता का पैगाम देने वाले संतो, गुरुओं, महापुरुषों के आदर्श विचारों को समाहित करते हुए भव्य शोभायात्रा 12 फरवरी 2024 को महात्मा गांधी इंटर कॉलेज विजयनगर के पास से दोपहर 1:00 बजे प्रारंभ होकर संत शिरोमणि गुरु रविदास आश्रम बेना झावर ईदगाह के भव्य मेले में सम्मिलित होने के उपरांत केंद्रीय कमेटी हरबंस मोहाल के नेतृत्व में नाना राव पार्क फूलबाग में आयोजित मुख्य मेले में सम्मिलित होकर समाप्त की जाएगी। विगत वर्षों में आयोजित भव्य कार्यक्रमों में तन मन धन से मदद करने वाले, मार्गदर्शन देने वाले और जन-जन तक जाकर लोगों को कार्यक्रम से जोड़कर छोटा-छोटा सहयोग इकट्ठा करने वाले समिति के सभी सम्मानित पदाधिकारी सदस्यों और जनमानस का अभिवादन करते हुए राधेश्याम भारती ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की अमर वाणियों का गहन अध्ययन करने पर विदित होता है कि तत्कालीन डिब्बा बंद समाज में व्याप्त सामाजिक विषमताओं को दूर करने के लिए जन चेतना का जो आंदोलन बोधिसत्व संत शिरोमणि गुरु रविदास जी ने चलाया वह वास्तव में सामाजिक परिवर्तन और समता मूलक समाज की परिकल्पना के लिए मिल का पत्थर है। उनकी वाणियां हमें विसंगतियों का परित्याग कर संगठित होकर शोषकों और सामंतवादियों का मुकाबला करने की प्रेरणा देते हुए गुलामी की वेडियो को तोड़कर इंसानियत और मानवता की राह दिखाती हैं। पीड़ित मानवता के मानवाधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की वाणियों का अमिट प्रभाव धर्म अध्यात्म के क्षेत्र से लेकर संविधान के आधार, राष्ट्रीयता, लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के निरूपण तक में स्पष्ट दिखाई देता है। हमें अपने महापुरुषों के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान देने की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री बी पी अंबेडकर जी ने तथा मुख्य वक्ता के रूप में श्री गौतम कुमार अंबेडकर जी ने और अति विशिष्ट अतिथि के रूप में जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता श्री धनीराम पैंथर, संविधान के मर्मज्ञ एडवोकेट आर सी धीमान, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री एस पी टेकला, श्री शिव कुमार कुरील, डॉ सुनील दोहरे, नवीन चंद्र यादव, डॉ सुभाष चंद्रा, श्री प्रशांत दोहरे, श्री राकेश बादल जी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें एकजुट रहकर सामाजिक एकता का परिचय देते हुए तमाम विसंगतियों का परित्याग करके बहुजन समाज में जन्मे संतों, गुरुओं और महापुरुषों के विचारों को आत्मसात करते हुए समाज की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने की आवश्यकता है।
बैठक में उपस्थित सभी सम्मानित जनों का आभार मीडिया प्रभारी श्री मुन्ना हजारिया ने व्यक्त किया तथा संचालन शेष राम भारती ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से विफन राम गौतम, मनोज कुमार बौद्ध, बबलू चौधरी, राम प्रकाश कुरील, राजबाला वाल्मीकि, बबलू कुमार गौतम, सोहन भारती, गुड्डन वाल्मीकि, संतोष प्रजापति, बृज बिहारी बौद्ध, कलावती वाल्मीकि, मीना खन्ना, प्रेमा गौतम, तारकेश्वर चौहान, जैसराम राजभर, विनोद बेलदार और, रामचंद्र गौतम, पप्पू यादव, राजेश यादव, सुरेश गौतम, रमेश गौतम, दीपचंद भारती, अनुज भारती, देवी दिन प्रधान, संतोष वाल्मीकि, चंद्रप्रकाश गौतम, रविंद्र पासवान, भगवान दिन गौतम, जगदीश गौतम, राहुल गौतम, रोहन भारती, जीवनलाल कुरील, राकेश कुमार जाटव, श्याम सुंदर खन्ना, विजय भारती, जय नाथ गौतम, दारा कनौजिया, हरिवंश, भारत पासवान, प्रियांशु सरोज, राम केवल गौतम, अखिलेश राजवंत, लोहारू निषाद, ओ पी शर्मा खाडेपुर, अनिल चौहान, अमृतलाल, जितेंद्र गौतम, रामकुमार बउवा, गोपी गौतम, हिमांशु चौहान आदि लोग उपस्थित रहे।