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ऐतिहासिक 501 कुंडीय महायज्ञ का हुआ आयोजन



कानपुर। मोतीझील ग्राउंड में ऐतिहासिक 501 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें सनातन धर्म के सभी शाखाएं हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, आर्य समाज, गायत्री परिवार के लोगों ने हजारों की संख्या में भाग लिया और यज्ञ के माध्यम से बृहद स्तर पर पर्यावरण शुद्धि तथा समस्त बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए आचार्या सूर्यदेवी चतुर्वेदा के नेतृत्व में धार्मिक अनुष्ठान किए।म होत्सव में मुख्य वक्ता आचार्य अग्निव्रत नैष्टिक ने समाज में नैतिकता और राष्ट्रभक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला, साथ ही सभी को सच्चे धर्म और भारतीय संस्कृति का पालन करने की प्रेरणा दी। महोत्सव का एक अन्य प्रमुख आकर्षण भगत सिंह पर आधारित मंचन था, जिसमें कलाकारों ने क्रांतिकारी भगत सिंह के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को जीवंत किया। मंचन ने उपस्थित दर्शकों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महत्ता और उसमें भगत सिंह के योगदान की गहरी समझ दी। साथ ही, कविता सिंह द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रवादी भजनों ने सभी को देशभक्ति और समर्पण की भावना से ओत-प्रोत किया। कार्यक्रम में महर्षि दयानंद सरस्वती व के अनुयायियों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को भी विशेष रूप से उजागर किया गया। आचार्य जी ने महर्षि दयानंद के विचारों का उल्लेख करते हुए बताया कि उन्होंने भारतीय समाज को जागरूक करने के लिए जिस प्रकार से संघर्ष किया, वह आज भी प्रेरणा का स्रोत है। कानपुर व आसपास के क्षेत्र में रहने वाले क्रांतिकारी परिवारों के वंशजों को सम्मानित भी किया गया। यहां उपस्थित हजारों लोगों ने मानसिक गुलामी को छोड़कर अपना नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विनय शुक्ला तथा विराट शुक्ला द्वारा हुईं।आयोजक मंडल में ऋषभ श्रीवास्तव, विनोद आर्य, दीपक अरोड़ा, संदीप दीक्षित, संतोष राठौड़, अशोक पुरी तथा सैकड़ों की संख्या में आर्य युवा दल के कार्यकर्ता रहे जिन्होंने कुशलता पूर्वक इस कार्यक्रम को सफल बनाया।कार्यक्रम के समापन पर एक विशाल सामूहिक भोजन का आयोजन किया गया, जिसमें सभी उपस्थित जनों ने आनंदपूर्वक भोजन ग्रहण किया और एकता का संदेश फैलाया।



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