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शुभम को शहीद का दर्ज़ा मिले



कानपुर।भारत माता वीर बालकों और वीरांगनाओं को जन्म देती रही है और उन्होंने भारत और सनातन का सर हमेशा गर्व से ऊंचा किया है। अन्तर्राष्ट्रीय कथा वाचक शिवा कान्त महाराज ने लोगों से कहा आप इतिहास में जाएं देखें पढ़ें गुरु गोविंद सिंह जी के चार सुपुत्र मुगलों के अत्याचार से लड़ते हुए शहीद हुए थे।इन्हें साहबजादे कहा जाता है।दो बड़े पुत्र अजीत सिंह और जुझारू सिंह मुगलों से युद्ध में लड़ते हुए शहीद हुए। वहीं दो छोटे पुत्र जोरावर सिंह,और फतह सिंह को मुगलों ने दीवार में चुनवा दिया।मुगल चाहते थे कि वह इस्लाम काबुल कर लें। उन्होंने मौत को गले लगाया लेकिन झुके नहीं। समय समय पर भारतीय लालों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देश और सनातन की लाज बचाई है। 22 अप्रैल को पहलगांव में जब ए के 47 लिए आतंकवादियों ने कानपुर के लाल शुभम द्विवेदी से उसका धर्म पूंछा और उसने मौत सामने खड़ी देख कर भी गर्व से हिन्दू धर्म बता कर मौत को गले लगाना उचित समझा बजाय उन आतंकवादी के सामने झुकने के कानपुर का लाल शुभम द्विवेदी को शहीद का दर्ज दिया जाए। ये केवल उनके पिता संजय और पत्नी ऐशनया की नहीं हम सब लोगों की मांग है। हम सब अपने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से पुरजोर अनुरोध करते है,की आप अपने कानपुर आगमन पर शुभम को शहीद का दर्जा देने की घोषणा कर देश विरोधियों को मुंह तोड़ जवाब दे।

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