एडवोकेट संशोधन बिल पर जेल भरो आंदोलन का एलान
February 28, 2025
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कानपुर। नेशनल लायर्स स्टूगल कमेटी एवं उत्तर प्रदेश अधिवक्ता संघर्ष समिति की ज्वाइन्ट कोआर्डिनेशन जिला कमेटी के आवाहन पर एडवोकेट संशोधन बिल-2025 को केन्द्र सरकार से अधिवक्ता विरोधी व दमनकारी होने के कारण वापस लिये जाने व 26 सूत्रीय मांगों को पूरा करने के सवाल पर जिलाधिकारी कार्यालय पर एक दिवसीय भूख हड़ताल वकीलों द्वारा किया गया। भूख हड़ताल स्थल पर वकीलों को सम्बोधित करते हुए सभी वक्ताओं ने कहा कि वकील समाज का मानना है कि केन्द्र सरकार द्वारा एडवोकेट अमेंडमेंट बिल-2025 में जो भी संशोधन किये गये हैं वे पूर्णतः वकील विरोधी है व सरकार के वकीलों के प्रति दमनकारी नीति की ओर इशारा करती है क्योंकि वकील ही सरकार की गलत नीतियों एवं निर्णयों के विरोध में वादकारियों की तरफ से या जनहित मुकदमों के माध्यम से न्यायालय के समक्ष मुकदमा लगाते है। इसी स्वतंत्र भूमिका को रोकने के उद्देश्य से उपरोक्त बिल में वकीलों के अधिकारों में कटौती करने, उनमें आतंक व दहशत पैदा करने तथा दमन व उत्पीडन करने की बदनियती से अनेक संशोधन किये गये है। आगे वक्ताओं ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि एडवोकेट संशोधन बिल-2025 सरकार द्वारा अपने भ्रष्टाचार व दोषपूर्ण नीतियों को छिपाने के लिए व वकील समाज की आवाज को दबाने और कुचलने के गन्दे इरादे से लाया जा रहा है।इन संशोधनों से सरकार बार कौंसिल व बार एसोसियेशनो का लोकतांत्रिक संस्थाओं का अस्तित्व एक ही झटके में समाप्त करने का षडयंत्र रच रही है। इतना ही नहीं केन्द्र सरकार इस बिल के द्वारा विश्व व्यापार संगठन, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व कारपोरेट सेक्टर के दबाव में विदेशी ला फर्मों व विदेशी वकीलों को देश में विधि व्यवसाय में कार्य करने की अनुमति देने की व्यवस्था भी इन संशोधनों में किया गया है जिससे भारत में न्याधिक व्यवस्था में अनावश्यक विदेशी हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार की पहुँच बनने में देर नहीं लगेगा, निश्चित रूप से यह देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों को जन्म देगा।
पूरे देश का पूरा वकील समाज एकजुट होकर सड़कों पर उतर कर इसे 'दमनकारी, संविधान में प्रवत्त मूल अधिकारों की भावना के विपरीत बताते हुए इस बिल को वापस लिये जाने की मांग केन्द्र सरकार से कर रहा है।
सभी वक्ताओं ने एक स्वर से मांग किया कि एडवोकेट एक्ट-1961 में संशोधन करते हुए नेशनल लायर्स स्ट्रगल कमेटी एवं उत्तर प्रदेश अधिवक्ता संघर्ष समिति की ज्वाइन्ट कोआर्डिनेशनल राज्य कमेटी की 26 सूत्रीय नागों जिसमें एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट' पेंशन, हेल्थ इन्श्योरेन्स, बैठने के लिए बस्ता सहित उक्त मांगों को पूरा करने तथा एडवोकेट अमेंडमेंट बिल-2025 को वापस लिये जाने की मांग किया।
वक्ताओं ने कठोर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो प्रदेश के 5 लाख अधिवक्ता 25 अप्रैल 2025 को सत्याग्रह करने एवं जेल भरो आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगा। सभा का संचालन सन्तोष कुमार श्रीवास्तव तथा अध्यक्षता राजेश कुमार गुप्ता, ओम प्रकाश मिश्रा, राजरानी शर्मा ने किया । अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, आनंद कुमार, अखिलेश कुमार, प्रमोद कुमार, राजेन्द्र कुमार ओझा, पंकज सिंह,
शेष कुमार बाजपेई, द कानपुर इन्कम टैक्स एंड जीएसटी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बंसत लाल गुप्ता, फायनेन्स सेकेट्री ऋषि कान्त मणि, ऋषिकेश दीक्षित, श्रीकांत, अखिलेश कुमार गुप्ता, नरेश चंद्र त्रिपाठी पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन, श्याम सिंह चंदेल, अमिताश दीक्षित, अभिषेक मिश्रा, विजय प्रताप सिंह सोलंकी आदि अधिवक्ताओ ने संबोधित किया।
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